दिल्ली-NCR एक बार फिर Dense Fog and Smog की मोटी चादर में लिपटा नजर आया। सुबह होते ही हालात इतने खराब हो गए कि कई इलाकों में सामने कुछ मीटर दूर तक देख पाना भी मुश्किल हो गया। कोहरा और प्रदूषण जब एक साथ मिलते हैं, तो न सिर्फ दृश्यता घटती है बल्कि हवा भी सांस लेने लायक नहीं रह जाती। यही वजह है कि लोगों के लिए यह स्थिति अब डबल खतरे का रूप ले चुकी है।
Dense Fog and Smog क्यों बन रहे हैं डबल खतरा
सर्दियों में ठंडी और स्थिर हवा प्रदूषक कणों को ऊपर उठने नहीं देती। नतीजा यह होता है कि धुआं, धूल और गैसें जमीन के पास ही फंस जाती हैं। जब इसमें घना कोहरा जुड़ जाता है, तो यह स्मॉग में बदल जाता है। यही कारण है कि इस बार दिल्ली-NCR में Dense Fog and Smog एक साथ कहर बरपा रहे हैं और हालात सामान्य होने का नाम नहीं ले रहे।
सड़कों पर रेंगता ट्रैफिक, बढ़ा हादसों का खतरा
सुबह के समय सड़क पर वाहन बेहद धीमी गति से चलते नजर आए। फॉग लाइट के बावजूद ड्राइविंग मुश्किल बनी रही। कई जगहों पर जाम की स्थिति बन गई और दुर्घटना का खतरा बढ़ गया। ऑफिस जाने वाले लोग देर से पहुंचे, वहीं स्कूल जाने वाले बच्चों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
हवाई और रेल यात्रा भी हुई प्रभावित
Dense Fog and Smog का असर सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं रहा। हवाई और रेल यात्रा पर भी इसका सीधा असर देखने को मिला। कई यात्रियों को देरी का सामना करना पड़ा, जिससे यात्रा योजनाएं बिगड़ गईं। सुबह के समय सफर करने वालों के लिए यह स्थिति खास तौर पर मुश्किल साबित हुई।
सेहत पर भी पड़ रहा सीधा असर
कोहरे के साथ प्रदूषण बढ़ने से हवा में मौजूद सूक्ष्म कण सीधे फेफड़ों तक पहुंच सकते हैं। लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में परेशानी की शिकायत हो रही है। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को इस समय खास सावधानी बरतनी चाहिए।
राहत की उम्मीद कब
मौसम में बदलाव और हवा की गति बढ़ने पर ही इस स्थिति से राहत मिलने की संभावना है। जब तक हवा ठहरी रहेगी, तब तक Dense Fog and Smog का असर बना रहेगा। ऐसे में लोगों को गैर-जरूरी यात्रा से बचने और स्वास्थ्य से जुड़ी सावधानियों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।
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