इंडिगो पर बढ़ता दबाव: 58 करोड़ टैक्स नोटिस, 4 इंस्पेक्टर टर्मिनेट और लगातार फ्लाइट कैंसिल – 12 दिसंबर 2025 की बड़ी खबरें

IndiGo पर 58 करोड़ का टैक्स नोटिस

भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनियों में से एक इंडिगो इन दिनों लगातार मुश्किलों से घिरी हुई है। एक तरफ यात्रियों की बढ़ती परेशानी है, वहीं दूसरी तरफ कंपनी पर नियामकों का दबाव भी बढ़ता जा रहा है। 12 दिसंबर 2025 को इंडिगो से जुड़ी कई बड़ी अपडेट सामने आईं, जिन्होंने इस पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है।

सबसे पहले, कंपनी को लगभग 58 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस पुराने वित्तीय दस्तावेज़ों और टैक्स आकलन से जुड़े मुद्दों के कारण भेजा गया है। अधिकारी मानते हैं कि इंडिगो को कुछ वित्तीय लेनदेन का स्पष्ट जवाब देना होगा। टैक्स विभाग का यह रुख दिखाता है कि सरकार अब वित्तीय नियमों के पालन पर और सख्ती से नज़र रख रही है। एयरलाइन के लिए यह नोटिस ऐसे समय आया है जब वह पहले ही चल रहे संचालन संकट से जूझ रही है।

टैक्स नोटिस के साथ-साथ एक और बड़ी कार्रवाई हुई। DGCA ने चार फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टरों को बर्खास्त कर दिया है। ये वही इंस्पेक्टर थे जिनका काम इंडिगो की ऑपरेशनल तैयारियों, सुरक्षा प्रक्रियाओं और क्रू मैनेजमेंट पर नजर रखना था। उनके हटाए जाने से यह साफ है कि नियामक एजेंसियां इस बार किसी भी लापरवाही को हल्के में नहीं ले रही हैं। यह फैसला उन आरोपों के बाद आया है जिनमें कहा गया था कि फ्लाइट ऑपरेशंस की निगरानी में कई गंभीर कमियां थीं, जिनका असर यात्रियों तक पहुंचा।

उधर, यात्रियों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आज यानी 12 दिसंबर को भी इंडिगो की 54 फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं। पिछले कई दिनों से फ्लाइट रद्द होने का सिलसिला जारी है और हजारों यात्री इससे प्रभावित हुए हैं। कई लोग एयरपोर्ट पर घंटों तक फंसे रहे, जबकि कई लोगों की ट्रैवल प्लानिंग पूरी तरह बिगड़ गई। कंपनी की तरफ से रिफंड और रीबुकिंग की प्रक्रिया जारी है, लेकिन लगातार हो रही रद्दियों की वजह से भरोसा कमजोर पड़ रहा है।

इस संकट की जड़ में नई पायलट ड्यूटी और रेस्ट रूल्स को माना जा रहा है। नए नियम लागू होने के बाद इंडिगो अपने क्रू प्लानिंग और शेड्यूल मैनेजमेंट को समय पर एडजस्ट नहीं कर पाई। इसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में फ्लाइट्स को रद्द या री-शेड्यूल करना पड़ा। इससे पहले के दिनों में तो रद्द की गई फ्लाइट्स का आंकड़ा हजारों तक पहुंच चुका है।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा और नियमों का पालन किसी भी हालत में समझौते का विषय नहीं है। टर्मिनेट किए गए इंस्पेक्टरों के मामले पर भी यही संदेश गया है कि एयरलाइन संचालन में किसी भी तरह की ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, इंडिगो को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने पायलटों की संख्या बढ़ाए और संचालन संबंधी कमियों को जल्द से जल्द दूर करे।

इन सभी घटनाओं के बीच इंडिगो के सामने सबसे बड़ी चुनौती है अपनी सेवाओं को स्थिर करना और यात्रियों का भरोसा दोबारा जीतना। कंपनी पहले ही भारी वित्तीय दबाव और साख से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है। टैक्स नोटिस, कर्मचारियों पर कार्रवाई और लगातार रद्द हो रहीं फ्लाइट्स ने इस संकट को और गहरा बना दिया है।

देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में इंडिगो इन समस्याओं का समाधान कैसे करती है। यात्रियों और उद्योग जगत की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कंपनी कब तक अपनी सेवाओं को सामान्य स्थिति में ला पाती है।

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